Title: समुद्रतट पर भटकता हुआ भूतिया इन्
समुद्रतट पर एक सुनसान गांव में एक ऊँचे लाल रंग के घर का नजारा होता था। इस घर का निर्माण 1770 के आस-पास किया गया था, शायद। यह घर छोटे से अस्त-व्यस्त बगीचे के साथ सजा हुआ था, जिसके सामने के खिड़कियों से समुद्र की अद्भुत दृश्यंता देखी जा सकती थी। घर के आस-पास विशाल, अंधेरे वृक्ष खड़े थे, जो इस तनहा घर को और भी रहस्यमय बनाते थे। इस भयंकर भूतिया इन् का पास अपनी पुरानी यात्रियों को खाने और सोने के लिए रुकने की सुविधा थी।
एक सुंदर वसंत दिन पर, एक अद्भुती जगह पर अध्ययन करने के लिए एक भारतीय विश्वविद्यालय के छात्र ने इस घर में आकर ठहरने का निर्णय किया। आरामदायक रहने की देखभाल उनके लिए श्री और श्रीमती वर्मा ने की थी। उन्होंने उन्हें पहले मंजिल पर एक विशाल कमरा प्रदान किया, जिसमें खिड़की से समुद्र का आकर्षक नजारा था।
अर्जुन के लिए दिन शांतिपूर्ण रहते थे। सुबह से लेकर शाम तक वह अध्ययन करता रहता था, दोपहर में पास के गांव में भ्रमण करता और शाम को आम तौर पर इन की बार में स्थानीय लोगों के साथ एक पेय पर मिलता था। यहां बिताए जाने के लिए उन्हें अत्यंत खुशी मिलती थी और उन्होंने इस रहने की योजना एक महीने तक बनाई थी।
एक दिन एक दोपहर, अर्जुन ने अपने आम दिनचर्या से थोड़ा हटकर दूसरे मंजिल पर बंद दरवाजे का पता लगाने का फैसला किया। वह ने दरवाजे को खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह बंद था। यह मिस्ट्री उन्हें खींच ली थी, और उन्होंने दूसरे कमरों की चाबियाँ इस बंद करने के लिए प्रयोग करने के लिए सभी दरवाजों की चाबियों को ले लिया। आखिरकार, उन्हें सफलता मिली, और उन्होंने दरवाजे को खोल दिया और अपने आप को एक वर्गीकृत स्थान पर पाया। लेकिन, जब वह वापस मुड़कर चला जाने के लिए तैयार थे, तो एक अजीब चीज उन्हें दिखाई दी। पुराने कपड़ों की ढेरी से नहाता हुआ एक व्यक्ति, जो कुर्ते के सामने चाकू से चोट खाई थी और उसकी कमीज पर सूखे खून के छिपे थे। अर्जुन देखकर हक्का-बक्का हो गए। वह समझ नहीं पाया कि वह सपने में हैं या जागते में, क्योंकि यह एक तपते तापमान के दिन का वक्त था।
बिल्कुल भयानक, अर्जुन बिल्कुल धार्मिक और पिछड़े हुए व्यक्ति के प्रति उदार थे, इसलिए उन्होंने इसे अपने साथी से साझा करने का निर्णय किया। अविश्वासपूर्ण तौर पर, वे वर्मा जी और वर्मा मेमसाहिब के पास इसे बताने जा रहे थे।
सामने आकर, अर्जुन ने वर्मा जी से इस रहस्यमय घटना को शेयर किया। वर्मा जी और वर्मा मेमसाहिब के चेहरे पर आश्चर्य का अनुभव हो गया। धीरे-धीरे, उन्होंने उस घर के भूतिया इन् के पीछे के रहस्य का पर्दाफाश किया।
वर्मा जी ने कहा, “भगवान रक्षा करे। यह जगह सालों पहले एक धनी शख्स ने रहा था। एक शाम उसने गांव में सैर किया था, जब एक समूह लोगों ने उस पर हमला किया। वे उसके पैसे चुराना चाहते थे। उन्होंने उसे उस विशाल व्हाइट स्टोन पर बिछाया, जिसे आपने कुछ दिन पहले वहां भटकते हुए देखा था, और उसे चाकू से मार दिया। फिर उन्होंने उसका शव समुद्र में फेंक दिया। बाद में गांव के कुछ लोगों ने उस सफ़ेद पत्थर को गांव से दूर ले जाने का निर्णय किया, उन्होंने कहा कि समुद्र तट के इस हिस्से में मछलियाँ उसके क़रीब कभी नहीं आएँगी। मछुवारे के लोगों को कुछ पकड़ नहीं हो रहा था। उस घर में रहने वाले हमने सारे कमरों को खोलने के लिए कहा था, लेकिन बिस्तर उसमें छोड़ दिया। वह आज तक किसी को परेशान नहीं किया। लेकिन आप इसे किसी को बताएँ नहीं। हम चाहते हैं कि इस भूतिया इन् के बारे में लोग बातें न करें।”
कई सालों तक, अर्जुन ने इस भयानक इन् के बारे में किसी को नहीं बताया। अपने परिवार के साथ यह अनुभव साझा करने वाला एक दिन आया, और जिसने उन्हें अपने कमरे की ओर नेतृत्व किया। उसके साथ आते ही, अर्जुन धैर्यवान बन गए। उन्होंने उस बेहद भयानक भूतिया इन् का साथी से साझा किया।
आगे बढ़ते हुए, वह वर्मा जी और वर्मा मेमसाहिब के पास इसे बताने का निर्णय किया। उन्होंने इस दुर्भग्यपूर्ण घर के भूतिया इन् के पीछे की दस्तावेजीकरण किया।
वर्मा जी बोले, “ईश्वर रक्षा करे। कई साल पहले यहां एक धनी व्यक्ति रहता था। एक शाम वह गांव में घूमता था, जब एक समूह लोगों ने उस पर हमला किया। वे उसके पैसे चुरा लेना चाहते थे। उन्होंने उसे उस विशाल व्हाइट स्टोन पर पड़ा दिया, जिसे आपने कुछ दिन पहले वहां भटकते हुए देखा था, और उसे चाकू से मार दिया। बाद में उन्होंने उसका शव समुद्र में फेंक दिया। बाद में गांव के कुछ लोगों ने उस सफ़ेद पत्थर को गांव से दूर ले जाने का निर्णय किया, उन्होंने कहा कि समुद्र तट के इस हिस्से में मछलियाँ उसके क़रीब कभी नहीं आएँगी। मछुवारे के लोगों को कुछ पकड़ नहीं हो रहा था। उस घर में रहने वाले हमने सारे कमरों को खोलने के लिए कहा था, लेकिन बिस्तर उसमें छोड़ दिया। वह आज तक किसी को परेशान नहीं किया। लेकिन तुम इसे किसी को बताने का प्रयास न करें। हम चाहते हैं कि इस भूतिया इन् के बारे में लोग बातें न करें।”
अस्वीकरण: यह कहानी “रैट्स” पुस्तक के मूल कार्य “द लॉक्ड रूम” से ली गई है। अनुकूलन रचनात्मक और मनोरंजन उद्देश्यों के लिए बनाया गया है, और मूल कहानी के कुछ तत्वों को संशोधित या पुनर्कल्पित किया जा सकता है। इस रूपांतरण में दर्शाए गए पात्र, घटनाएँ और सेटिंग्स काल्पनिक हैं और वास्तविक लोगों या घटनाओं पर आधारित नहीं हैं। वास्तविक व्यक्तियों, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं से कोई भी समानता पूरी तरह से संयोग है। इस रूपांतरण के लेखक ने मूल कहानी की सटीकता या प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है। यदि आप मूल कार्य का पता लगाना चाहते हैं, तो कृपया किसी उपयुक्त लेखक की पुस्तक “रैट्स” देखें।