प्रेमचंद, हिंदी साहित्य के महानायकों में से एक थे, जिनके द्वारा रचित कहानियाँ आज भी अपनी सार्थकता और समर्थन से प्रशंसित हैं। उनकी रचनाएँ लोगों के दिलों तक पहुंचकर उनमें भावनाओं का जादू कर देती हैं।
“बड़े घर की ब़ेटी” प्रेमचंद की एक ऐसी अमूल्य कहानी है, जो विभावना के समर्थक अंदाज में एक परिवार के आत्मीयता को दर्शाती है। कहानी का मुख्य किरदार एक साधारण लड़की है, जो बड़े घर में एक सर्वेक्षणीय रूप से अपने स्वर्गीय माता-पिता के श्रीमंत और स्वेच्छा से व्यक्तित्व से भरे हुए भाई-बहनों के बीच अपनी ज़िंदगी गुजारने के लिए पड़ी होती है। इस कहानी में प्रेमचंद ने समाज की एक वास्तविक समस्या को साहस से उठाया है और इसके समाधान के लिए संवेदनशील नज़रिए से भारतीय परंपरा और संस्कृति के साथ सामंजस्यपूर्ण विचार रखा है।
इस कहानी में, प्रेमचंद के शानदार व्यंग्य और मजेदार वक्तव्य द्वारा चित्रित किए गए संदेशों को जानने के लिए, हमें “बड़े घर की ब़ेटी” को पढ़ना होगा। यह कहानी हमें समझाती है कि धन और संपत्ति की अमानवीय मांग में सत्यता और संवेदनशीलता को छोटा नहीं किया जा सकता है, और परिवार के सभी सदस्यों को समानता और प्रेम के साथ देखा जाना चाहिए।