एक बार की बात है, तीन छोटे सूअर अपनी माँ के साथ रहते थे। जब सूअर काफी बूढ़े हो गए, तो उनकी मां ने उनसे कहा कि उन्हें घर छोड़कर अपना घर बनाना होगा।
पहला छोटा सुअर बहुत आलसी था। वह बिल्कुल भी काम नहीं करना चाहता था, इसलिए उसने घास-फूस से अपना घर बनाया। दूसरा छोटा सुअर थोड़ा अधिक मेहनती था, इसलिए उसने अपना घर लकड़ियों से बनाया। तीसरा छोटा सुअर सभी में सबसे अधिक मेहनती था, और उसने अपना घर ईंटों से बनाया।
एक दिन, एक बड़ा दुष्ट भेड़िया उस जंगल में आया जहाँ तीन छोटे सूअर रहते थे। उसने पहले छोटे सुअर का घर देखा और उसने कहा, “छोटे सुअर, छोटे सुअर, मुझे अंदर आने दो!”
पहले छोटे सुअर ने कहा, “मेरी ठुड्डी पर बालों से नहीं!”
भेड़िया फुँफकार उठा और उसने फुसफुसा कर घर को उड़ा दिया। पहला छोटा सुअर दूसरे छोटे सुअर के घर की ओर भागा।
भेड़िया दूसरे छोटे सुअर के घर आया और उसने कहा, “छोटे सुअर, छोटे सुअर, मुझे अंदर आने दो!”
दूसरे छोटे सुअर ने कहा, “मेरी ठुड्डी पर बालों से नहीं!”
भेड़िया फुँफकार उठा और उसने फुसफुसा कर घर को उड़ा दिया। पहले और दूसरे छोटे सूअर तीसरे छोटे सूअर के घर की ओर भागे।
भेड़िया तीसरे छोटे सुअर के घर आया और उसने कहा, “छोटे सुअर, छोटे सुअर, मुझे अंदर आने दो!”
तीसरे छोटे सुअर ने कहा, “मेरी ठुड्डी पर बालों से नहीं!”
भेड़िया फुँफकार रहा था, फुँफकार रहा था, फुँफकार रहा था, परन्तु वह घर को नहीं उड़ा सका।
फिर भेड़िये ने चिमनी से नीचे चढ़ने की कोशिश की, लेकिन तीसरे छोटे सुअर ने पानी का एक बड़ा बर्तन उबालकर आग पर रख दिया था। जब भेड़िया चिमनी से नीचे आया, तो वह उबलते पानी के बर्तन में गिर गया और मर गया।
तीन छोटे सूअर ईंट के घर में हमेशा खुशी से रहते थे।
कहानी का सार: कड़ी मेहनत और योजना का फल मिलता है। यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं और आगे की योजना बनाते हैं, तो आप चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार रहेंगे। पहले दो छोटे सूअर आलसी थे और उन्होंने आगे की योजना नहीं बनाई थी, इसलिए वे भेड़िये से आसानी से हार गए। तीसरा छोटा सुअर मेहनती था और उसने योजनाबद्ध तरीके से आगे की योजना बनाई थी, इसलिए वह भेड़िये को हराने और हमेशा के लिए खुशी से रहने में सक्षम था।