ब्लडी मैरी की वह कष्टप्रद छोटी सी कहानी याद है? आप जानते हैं… कि देर रात को अपने बाथरूम में लाइट बंद करके एक मोमबत्ती जलाएं, दर्पण में देखें और उसका नाम लगातार तीन बार कहें “ब्लडी मैरी, ब्लडी मैरी, ब्लडी मैरी” और आशा है कि आप ऐसा नहीं करेंगे।
क्या आप अपनी आँखें नोच कर मृत पाए गए? या आपके पूरे शरीर पर पंजों के निशान हैं? या यह संभावना कि आप हमेशा के लिए दर्पण के शीशे के पीछे हमेशा के लिए फंसे रहेंगे?
क्या मज़ेदार और सुखद कहानी है। खैर, किसी को आश्चर्य होगा कि यह कहानी कहां से आई।
ब्लडी मैरी कैसे बनीं, इसके बारे में सैकड़ों कहानियाँ हैं। लेकिन सबसे उचित में से एक (जितनी उचित यह तब हो सकती है जब कोई प्रतिबिंब आपको मार डाले) उसकी मृत्यु की कहानी है।
1800 के दशक में मैरी नाम की एक युवा लड़की रहती थी। जिस स्थान पर वे रहते थे उस स्थान पर बीमारी फैल गई, जिससे थोड़े समय के बाद लोग मर गए।
जब मैरी भी इस बीमारी से पीड़ित हुई तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया क्योंकि उसमें कोई सांसें नहीं आ रही थीं। उसे ताबूत में रखकर दफना दिया गया।
लेकिन उस ज़माने में कई बार ऐसा होता था कि मृत घोषित लोग जीवित होते थे। इसलिए मैरी के ताबूत में एक छोटा सा छेद किया गया और उससे एक रस्सी निकाली गई जिसके ऊपर एक घंटी लगी हुई थी। यदि वह जीवित होती तो रस्सी को खींचकर घंटी बजा सकती थी।
कई दिनों तक मैरी के माता-पिता ने घर पर ही रुककर उसकी चेतना लौटने की प्रतीक्षा की। लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो वे अपने दोस्तों के कहने पर घर से बाहर चले गए।
इधर एक पड़ोसी ने सोचा कि अब तो मैरी जीवित नहीं है, इसलिए उसने उसकी कब्र पर मिट्टी भरना शुरू कर दिया।
ठीक उसी वक्त मैरी होश में आई और रस्सी को खींचने लगी, लेकिन कोई उसकी घंटी की आवाज़ नहीं सुन पाया। वह घंटी और रस्सी को खींचती रही जब तक कि वे टूट नहीं गए।
फिर उसने अपने नाख़ूनों से ताबूत को खरोंचना और मारना शुरू कर दिया। उसकी उंगलियाँ ख़ून से लथपथ हो गईं लेकिन वह खरोंचती रही जब तक कि उसकी सांसें रुक नहीं गईं।
जब मैरी के माता-पिता वापस आए तो उन्हें समझ में आया कि मैरी जीवित थी। वे फटाफट उसकी कब्र खोदने लगे। जब ताबूत खोला गया तो वहां मैरी का शव खून से लथपथ नाख़ूनों के साथ पड़ा था।
उन्होंने एक आईने को उसके मुंह के सामने रखा तो आईने पर सांस की भाप दिखी। यानी मैरी अभी तक ज़िंदा थी! लेकिन फिर भी वह मर चुकी थी।
कहा जाता है कि उसकी आत्मा आईने में समा गई और आज भी जो भी ब्लडी मैरी का नाम तीन बार लेता है, वह उस पर हमला कर देती है।
यह थी ब्लडी मैरी की भयावह कहानी का एक संस्करण। ऐसी कई कहानियां हैं जिनके पीछे कोई सच्चाई नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी यह अपने गौरवशाली विवरणों के साथ एक डरावनी कहानी है जो हमें आज भी दहशत में डाल सकती है।