यह कहानी मेरे प्रिय साथी के साथ रहने वाले दिनों की है। जब मैंने विदेशी मेज़बानी का अनुभव किया था। हम भी अपने समय का आनंद लेने के लिए एक नए घर में रहने का निर्णय किया था। वह घर भयानक तो नहीं था, लेकिन उसमें अनजानी चीज़ों की कुछ अजीब खासियत थी।
हमारे नए घर का रंग भूरा था, जो उसे भयानक दिखाता था। बाहरी दिवारों पर ढेर सारे चुरूत से लिपटे थे, जो उसे और भी रहस्यमय बनाते थे। मार्च महीने में होने वाली बर्फ की वजह से ठंड में हमारे घर की स्थिति भयावह बन जाती थी। हर शाम हम घर के बर्फ से ढके खिड़कियों से बाहर देखते थे, जिससे भयावह रूप लेते परियों के छाया नज़र आते थे।
परंतु सबसे अजीब चीज़ वह बड़ा काला बिल्कुल सियाह प्यारी बिल्कत था, जिसे हमने ‘प्लूटो’ नाम दिया था। वह एक बड़ा मोटा बिल्कत था, जिसकी माटी से बनी सूंडी हर दिन चमकती रहती थी। प्लूटो आनंदपूर्वक और ख़ुश रहने वाला था, लेकिन उसके आने के साथ हमारे घर में कुछ बदल गया।
वह घर के हर कोने में घूमने लगा, जैसे कि वह अपना राजदरबार ढूँढ रहा हो। रात भर उसके ताले ध्वनि से हमें परेशानी होने लगी। उसकी आंखें चमक रही थीं, जैसे कि वह अभिशाप बोल रहा हो। हमारे दिलों में डर का बीज पौधा डाल दिया था।
एक रात, हम निद्रा से जाग गए, क्योंकि हमें लगा कि कुछ अजीब हो रहा है। हमारे बेड के निचे से अजीब सी आवाज़ आ रही थी, जैसे किसी चीज़ की गतिविधि का पता चल रहा हो। हम प्लूटो की दिशा में देखने के लिए उठे, तो हमें एक अन्दरूनी सड़क पर प्लूटो को एक दूसरे प्लूटो के साथ लड़ते देखा। उनकी आंखों में लालिमा से दर्शनीय प्रकटी हो रही थी। हमारे दिल धड़कने लगे, और हम जल्दी से वहां से दूर हो गए।
जैसे ही सुबह हुई, हम प्लूटो की बात अपने दोस्तों को बताने लगे। हमने सोचा कि शायद उन्हें हमारे साथ खिलवाड़ करना पसंद नहीं है। लेकिन जैसे जैसे हम उसे घर में छोड़ते जा रहे थे, हमारे घर के अंदर अनजाने घटनाओं का सामना होता गया।
प्लूटो ने अपने क़दम घर के द्वार पर रख दिए, जिससे हमें आश्चर्यचकित होने लगा। हमने उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वह हमारे हाथ से बच गया। उसकी आंखें ज्यादातर समय बंद होती रहती थीं, जिससे हमें असहजता महसूस होती थी। हम उसे देखने वाले हर व्यक्ति को उसके प्रति असहज रखते थे।
एक दिन, जब हम घर में अकेले थे, हमने प्लूटो के साथ खेलने का फ़ैसला किया। उसकी ख़ुशियाँ हमारे लिए भयानक साबित हुई। उसने हमें धक्के देना शुरू कर दिया और हमारे पीछे धौंस रहा था। हम जल्दी से भागने लगे, लेकिन वह हमारी पीछे ही था। हमारी साँसे थम गईं थीं, हम भय से बिलबिला रहे थे, और एक विशालकाय बिल्कत के पास पहुंचने से पहले हम विचलित हो गए।
हम जिस समय आंखें खोले, तो हम प्लूटो के पास नहीं थे। हमने उसे देखने के लिए जगह जगह देखा, लेकिन कहीं भी उसे नहीं देखा। हम आश्चर्य में थे, लेकिन भय से भर गए थे। हमने उसका पीछा किया, लेकिन वह गायब हो गया था। उसकी मात्र सूंडी हमारे बारे में कह रही थीं, और हमने जान बुझकर उसे प्रताड़ित किया था।
वह दिन से हमारे घर में अद्भुत घटनाएं होने लगीं। हमारे घर में ध्वनियों के अनजान आवाज़ें सुनाई देने लगीं, जो हमें असहज कर रही थीं। हमने धीरे से गुमान किया, लेकिन कुछ दिनों के बाद हमे यही सत्यता भाग्यशाली थी कि हम घर के सभी दरवाजे बंद करने के लिए समय नहीं मिलता था।
एक दिन, जब हम घर में एक पुराने दरवाजे खोलने का प्रयास कर रहे थे, हमने दरवाजे के अंदर से एक आवाज़ सुनी। वह आवाज़ तो प्लूटो की थी, लेकिन वह बिल्कुल अलग ध्वनि में आ रही थी। हमारे दिल धड़क रहे थे, हमें लगता था कि हमारे घर में उस बिल्कत का भूत घुस गया है।
धीरे से हमने दरवाजे को खोला और अंदर देखा, वहां अद्भुत दृश्य थे। प्लूटो का दोहरा रूप, दो आँखों वाला प्लूटो खड़ा था। हम भयभीत होकर वहां से बाहर निकलने के लिए तैयार हुए, लेकिन वह हमारे पास आने से पहले हमें दिखाई नहीं दिया। हम चकरा रहे थे, हमें लगता था कि हम अपने स्वयं के भूत देख रहे हैं।
फिर उस रात, हम ने प्लूटो की आवाज़ बारे में जाना। उसने हमें बताया कि वह अपने पिछले जन्म में हमारे बिल्कत थे। उस दिन से हमारे घर में अद्भुत विचार और भयावह घटनाएं होनी बंद हो गईं। हमारा रिश्ता प्लूटो के साथ और मजबूत हुआ और हमारे घर में सुकून आ गया।
इस कहानी में भयानक और चमत्कारिक विचार हैं, जो हमें अनदेखी दुनिया की ओर खींचते हैं। यह कहानी अज्ञातता से भरी है और हमें दिखाती है कि असली भय वह है, जो हमारे भीतर है, और हमें समझने की ज़रूरत है कि उससे निपटने के लिए हमें साहस और समझदारी से काम करना होगा।
कृपया ध्यान दें कि यह कहानी एक रचना है और इसे वास्तविकता का प्रमाण नहीं माना जाना चाहिए। इसे केवल मनोरंजन और रचनात्मक उद्दीपन के लिए बनाया गया है।
यह एडगर एलन पो की डरावनी कहानी द ब्लैक कैट का हिंदी अनुवाद है।